Family Pension: राजस्थान में पारिवारिक पेंशन प्रक्रिया हुई आसान, अब केवल दो दिनों में मिलेगा लाभ
Rajasthan Family Pension: राजस्थान सरकार ने पारिवारिक पेंशन प्रक्रिया (Family Pension Process) को बेहद सरल और सुगम बना दिया है। अब राज्य के पेंशनर्स के आश्रितों को पारिवारिक पेंशन के लिए पेंशन कार्यालयों या कोषालयों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यह कदम डिजिटल सेवाओं के माध्यम से जनता की सुविधा के लिए उठाया गया है।
एसएसओ आईडी से आवेदन करने की सुविधा
जिन पेंशनर्स का पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) ऑनलाइन उपलब्ध है उनके आश्रित नागरिक अब सीधे अपनी एसएसओ (सिंगल साइन-ऑन) आईडी का उपयोग करके पारिवारिक पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल समय की बचत करती है, बल्कि आवेदकों को लंबी कतारों और अनावश्यक दस्तावेजी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाती है।
सरकार का दावा है कि यदि सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो आवेदन को मात्र दो कार्यदिवसों के भीतर निपटा दिया जाएगा और पारिवारिक पेंशन प्रदान की जाएगी।
राजस्थान बना उदाहरण
राजस्थान वह पहला राज्य है जिसने पेंशन भत्ते और पारिवारिक पेंशन में नवाचार किया है। डिजिटल प्रणाली के माध्यम से, राज्य ने पेंशन सेवाओं को सुगम और पारदर्शी बनाया है। यह पहल विशेष रूप से वृद्ध और आश्रित नागरिकों के लिए राहत का विषय है।
आयु के आधार पर लाभ
राजस्थान सरकार ने पेंशन भत्ते के क्षेत्र में भी अनूठी पहल की है। राज्य 70 से 75 और 75 से 80 वर्ष की आयु के पेंशनर्स को क्रमश: 5% और 10% अतिरिक्त पेंशन प्रदान करता है। इसके अलावा उम्र के बढ़ने के साथ अतिरिक्त पेंशन की राशि भी बढ़ती है।
आयु के आधार पर पेंशन भत्ता का विवरण:
आयु वर्ग | अतिरिक्त पेंशन |
---|---|
70 से 75 वर्ष | मूल पेंशन का 5% |
75 से 80 वर्ष | मूल पेंशन का 10% |
80 से 85 वर्ष | मूल पेंशन का 20% |
85 से 90 वर्ष | मूल पेंशन का 30% |
90 से 95 वर्ष | मूल पेंशन का 40% |
95 से 100 वर्ष | मूल पेंशन का 50% |
100 वर्ष से अधिक | मूल पेंशन का डबल |
डिजिटलाइजेशन से लाभ
राज्य सरकार का यह कदम पेंशन प्रक्रिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। इससे न केवल आवेदकों को राहत मिली है बल्कि प्रशासनिक कार्य भी तेज और पारदर्शी हो गए हैं। इस पहल के तहत पेंशनरों और उनके आश्रितों को आवेदन प्रक्रिया में अधिक से अधिक आसानी प्रदान की जा रही है। अब किसी भी आश्रित को अपने अधिकारों के लिए लंबी प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।